शनिवार, 3 जनवरी 2009

उच्च शिक्षा पर

आपका लेख विचारणीय है और सैद्धांतिक रूप में हम आपसे शत प्रतिशत सहमत हैं ! किंतु उच्च शिक्षा की इस हालत के लिए पृष्ठभूमि में मौजूद दूसरे बिन्दुओं को नजर अंदाज़ नहीं किया जाना चाहिये ! शिक्षा में नौकर शाही का हस्तक्षेप , राजनैतिक सत्ता और गलियारों की अवांछित भूमिकायें , जनगण की उदासीनता वगैरह वगैरह ! ऐसे अनेकों कारक हैं जिन्हें जोड़कर ही निष्कर्ष निकाले जाने चाहिये ! बहुत समय से सोच रहे थे कि अच्छे आलेख और सुचिन्ताओं के लिए आपको बधाई देंगे !

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