रविवार, 24 अगस्त 2008

खैरियत तो है

कई दिन हुए कुन में कुछ छपा नहीं है !

नमिरा खैरियत तो है ?

हम हैरानकुन और परेशानकुन हैं !

हमने कुछ फरमाइश की है भई !

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